tag:blogger.com,1999:blog-8234335352219398549.post808236902140874664..comments2023-10-10T02:40:42.354-07:00Comments on अपना दौर: तानाशाह की बेटी/खलील जिब्रानबलराम अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8234335352219398549.post-46989419420590471172012-08-02T17:34:01.359-07:002012-08-02T17:34:01.359-07:00बहुत सुन्दर लघुकथा. पढ़कर आनन्द आ गया. अनुवाद भी गज़...बहुत सुन्दर लघुकथा. पढ़कर आनन्द आ गया. अनुवाद भी गज़ब का. सुबह के छः बजे हैं. इस लघुकथा को पढ़कर दिन की शुरूआत अच्छी होगी.<br /><br />चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8234335352219398549.post-1483853820438321772012-08-02T17:32:16.968-07:002012-08-02T17:32:16.968-07:00यार, बहुत ही सुन्दर लघुकथा तुमने पोस्ट की है. सुबह...यार, बहुत ही सुन्दर लघुकथा तुमने पोस्ट की है. सुबह के छः बजे हैं और दिन की शुरूआत इतनी लघुकथा पढ़ने से हुई---तुम्हें बधाई.<br /><br />चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.com