tag:blogger.com,1999:blog-8234335352219398549.post1983229661209939287..comments2023-10-10T02:40:42.354-07:00Comments on अपना दौर: आज असुंदरता, कुरूपता भव से ओझल/बलराम अग्रवालबलराम अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8234335352219398549.post-17814559602595734992012-04-05T22:32:12.230-07:002012-04-05T22:32:12.230-07:00भाई रूपसिंह चन्देल ने यह टिप्पणी भेजी है:
Roop Sin...भाई रूपसिंह चन्देल ने यह टिप्पणी भेजी है:<br />Roop Singh Chandel <br />10:48 AM (8 minutes ago) <br />to Balram<br />यह टिप्पणी डाल देना.<br /><br />दिल्ली की सही हकीकत कही तुमने.<br />पूर्वी दिल्ली का एक हिस्सा अब दक्षिण दिल्ली से आगे जा चुका है और शायद<br />वहां के लोग इधर आने के लालायित भी हैं. नानी की जिस दिल्ली की बात तुमने<br />की वह तो अब नर्क है, लेकिन पूर्वी दिल्ली का भी बहुत बड़ा भू-भाग नर्क ही<br />है. और सबसे बड़ी खराबी पूर्वी दिल्ली की यह है कि हर मोहल्ले की हर दूसरी<br />गली में एक हनुमान मंदिर उगा हुआ है, जहां सुबह चार बजे से ही मंदिर का<br />अपढ़-मूर्ख और गंवार पुजारी यह सोचे बिना कि उसके आसपास पढ़ने वाले बच्चे<br />भी रहते हैं ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर पर फिल्मी स्टाइल पर भजन चलाने से<br />बाज नहीं आता. पता नहीं प्रशासन इस ओर ध्यान क्यों नहीं देता! और<br />धर्मान्ध इस देश की जनता कब तक इन पाखंडियों की मनमानी से अपने बच्चों का<br />भविष्य बरबाद होती देखती रहेगी.<br /><br />रूपसिंह चन्देलबलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8234335352219398549.post-85464617510324983162012-04-05T01:57:38.486-07:002012-04-05T01:57:38.486-07:00ये दिल्ली की दास्तान पसंद आई।ये दिल्ली की दास्तान पसंद आई।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com