'जनगाथा', 'कथायात्रा' एवं 'लघुकथा-वार्ता' के माध्यम से लघुकथा-साहित्य आप तक पहुँचाने का प्रयास है। 'अपना दौर' कथा-साहित्य से इतर चिन्तन व अनुभवों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास है। 'हिन्दी लेखक' साहित्य एवं कलाओं में रचनात्मक योगदान देनेवाले हस्ताक्षरों का सचित्र परिचय।
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4 टिप्पणियां:
भाई बलराम, मैंने इस कविता पर फेसबुक पर भी लिखा है। बहुत अच्छी कविता पंक्तियां हैं। कविता में इसी प्रकार यदा-कदा फेरी लगाते रहा करो…
बलराम, इस छोटी-सी कविता के भावों की गहनता से मन मुग्ध हो उठा. बहुत सुन्दर. तुम्हारे अंदर बैठा एक उत्कृष्ट कवि अब तक कहां छुपा था?
चन्देल
दिल को छूता हुआ एक सत्य । चित्रांकन के अनुरूप संवेदनाएं ---अनूठा संगम !
तुम्हारे अंदर बैठा एक उत्कृष्ट कवि अब तक कहां छुपा था?
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