बलराम अग्रवाल |
26/11 एकाएक ही आतंक से जुड़कर विशेष अर्थ देने लगा है। उस के बाद तो जन्मदिन की अपनी तारीख तवारीख ही बन गयी है। कई साल पहले कोटकपूरा से श्याम सुन्दर अग्रवाल जी का फोन था। जन्मदिन की बधाई कितने खास अन्दाज़ में दी वह सुनिए। बोले--"यार, ये 26/11 इतनी खतरनाक क्यों है?"
"महान लोगों के पैदा होने की तारीख है भाईसाहब, " उनके ही अन्दाज में मैंने कहा, "सामान्य तो होने से रही।"
बोले, "मुझे तो लगता है, इस तारीख में खुराफात के बीज हैं।"
श्याम सुन्दर अग्रवाल के साथ |
वे गम्भीर स्वर में बोले, "सुबह की सैर लौट रहा था तो गली के कुत्ते ने काट लिया।"
"अरे बाप रे!" मेरे मुँह से निकला।
"असलियत में तो तभी मुझे याद आया कि आज 26 नवम्बर है। इस तारीख को कोई काम सीधा नहीं हो सकता।"
उस समय मुझे मालूम नहीं था कि 26 नवम्बर मेरे जन्म से भी बहुत पहले देश के इतिहास में एक खास जगह बना चुका था। लेकिन आज, जब मालूम था तब भी मैं 26/11 के जुमले से मुक्त तो नहीं ही हो सकता।
आज इंदौर से डॉ॰ सतीश दुबे का फोन था। बोले, "इस तारीख को सिवा आतंकवादी घटना के, कुछ और याद आता ही नहीं है।"
"हाँ, है तो आतंकवादी घटना ही।" मैंने कहा।
"जो भी हो, जन्मदिन मुबारक हो।" वे बोले, "खूब लिखो, पढ़ो, ऐसे ही सक्रिय बने रहो, स्वस्थ रहो।"
"आपका आशीर्वाद यूँ ही मिलता रहे भाईसाहब। धन्यवाद।" मैंने कहा।
इधर-उधर की दो-चार अन्य बातों के बाद हमने एक-दूसरे से विदा ली।
इधर, मोदी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया है. आज, 26 नवम्बर 2015 को हमारा संविधान 65 साल का हो गया है. जानिए इससे जुड़ी खास बातें :
1. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे. पं॰ जवाहरलाल नेहरू, डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर, डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे.
2. 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें.
3. संविधान सभा को इसे तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 17 दिन का समय लगा.
4. देश का सर्वोच्च कानून हमारा संविधान 26 नवंबर, 1949 को अंगीकार किया गया था.
5. मसौदा लिखने वाली समिति ने संविधान के मसौदे को देवनागरी हिंदी व रोमन अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी.
6. संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपये आया था.
7. इसमें अब 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है. इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद थे जो 22 भागों में विभाजित थे; इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं.
8. संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता को मंत्रिपरिषद् होगी। देश का प्रधानमंत्री उसका प्रमुख होगा.
9. आज (26 नवम्बर, 2015) से ठीक 66 वर्ष पहले भारतीय संविधान तैयार करने एवं स्वीकारने के बाद से इसमें पूरे 100 संशोधन किए जा चुके हैं.
10. हमारा संविधान विश्व का सबसे लंबा व भारी-भरकम लिखित संविधान है.
आज, 26 नवम्बर 2015 को अपन भी उम्र के 63 साल पूरे करके 64वें साल में प्रविष्ट हो गये। बड़े सवेरे, भाई राजेश उत्साही ने फेसबुक पर तरोताजा मुस्कान वाली 5 साल पुरानी (युवा) फोटो के साथ जन्मदिन मानाया तो मन उस बालक जैसा प्रफुल्लित हो उठा जिसे खेलने के लिए सुबह-सुबह ही गुब्बारा मिल गया हो।
मंच से नीचे 'दिलशाद गार्डन बतकही मंडल' के सभी सदस्य महत्वपूर्ण हैं। उनमें से मेरे और मदन कश्यप के अतिरिक्त डॉ॰ भारतेन्दु मिश्र भी उपस्थित थे। अन्य विद्वान मित्रों में अजय कुमार (मेधा बुक्स), कवि केदारनाथ सिंह, अमरनाथ अमर, डॉ॰ शेरजंग गर्ग, विष्णु नागर, जितेन्द्र श्रीवास्तव, राधेश्याम तिवारी (पत्रकार), डॉ॰ अजित कुमार आदि उपस्थित थे।
आ॰ त्रिपाठी जी को इस अवसर पर अनेकानेक बार बधाई। वे यूँ ही हमें आशीर्वाद प्रदान करते, हँसाते, खिलखिलाते रहें। प्रस्तुत हैं उस समय के कुछ चित्र मेरे स्वयं के कैमरे से ।
निर्देशक गोविंद निहलानी के साथ |
साहित्यकार अजित कुमार के साथ |
परिचय पुस्तिका : 28वां मूर्तिदेवी पुरस्कार |
परिचय पुस्तिका के अन्तिम पृष्ठ पर छपा चित्र (बायें से) श्री रमेश आज़ाद, श्री राजेश उत्साही, डॉ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी (पीछे खड़े) बलराम अग्रवाल |