यात्रा के अपने अनेक अनुभवों के आधार पर मैं कह सकता हूँ कि यात्रा पर निकलने से पहले व्यक्ति को अपने सामान में रोजमर्रा काम में आने अथवा आ सकने वाली वस्तुओं की एक लिखित सूची पहले-से ही अपनी निजी डायरी में लिख लेनी चाहिए। ऐसी वस्तुओं की आम तौर पर दो श्रेणियाँ होती हैं—पहली, दिनभर में कई बार अथवा अनेक बार काम में आने वाली वस्तुएँ तथा दूसरी, गंतव्य पर पहुँच जाने पर काम आने वाली। दोनों प्रकार की वस्तुओं को उनकी श्रेणी के अनुरूप ही अलग-अलग बैग्स में ही रखना भी चाहिए, ताकि किसी वस्तु की आवश्यकता पड़ने पर सारे बैग्स को खोलना व सारे सामान को उलट-पुलट करना न पड़े। साथ ले चलने वाले सामान में इन वस्तुओं को अवश्य रख लेना अथवा अपनी लिस्ट के साथ मिलान कर लेना लाभदायक सिद्ध हो सकता है—मौसम के अनुरूप कपड़े, छाता, जो दवाइयाँ रोजाना लेनी पड़ती हों उनका घर-वापसी तक का पूरा कोर्स तथा अपने डॉक्टर से सलाह करके पाचन व थकान आदि की दृष्टि से आवश्यकता पड़ने पर ली जा सकने वाली दवाइयाँ, बैंड-एड्स, कॉटन(मेडिकल स्टोर वाली रुई), कैमरा(हो सके तो स्टैंड सहित, ताकि कभी-कभार अपना ही फोटो खींचने-खिंचवाने के लिए आपको किसी अन्य का मुँह न ताकना पड़े), पीने वाले पानी की बोतल(हालाँकि यह अब हर जगह आसानी से उपलब्ध है, फिर भी एक-दो बोतलें साथ रखकर चलना बुरी बात नहीं है), हल्का-फुल्का नाश्ते का सामान, कागज की प्लेटें व फेंक देने योग्य चम्मचें, पेपर नेपकिन्स, टिश्यू पेपर्स, एक-दो पुराने अखबार व डस्टर, अन्दर से प्लास्टिक चढ़े छोटे आकार के लिफाफे(ताकि यात्रा के समय सदस्यों में से किसी को आने वाली उल्टियाँ उनमें करायी जा सकें अथवा उनके द्वारा तैयार कूड़े को उनमें रखकर फेंका जा सके), दूरबीन, परा-बैंगनी सूर्य-किरणों से बचाव के लिए अच्छी किस्म का धूप-चश्मा, रुमाल व हल्के रहने वाले तौलिए जिन्हें हर समय अपने साथ रखा जा सके, सुई-धागा, जेबी-चाकू, नेल-कटर जिसमें कॉर्क-ओपनर भी संलग्न हो, प्रत्येक बैग-ब्रीफकेस-अटैची के लिए अलग-अलग चेन व ताले, अच्छे किस्म की एक टॉर्च, साथ रखे अपने विद्युत-उपकरणों व मोबाइल आदि को चार्ज करने के काम आने वाले चार्जर्स व अडेप्टर्स, 5-7 मीटर लम्बी एक मजबूत बारीक रस्सी, नहाने व कपड़े धोने के साबुन, पेपर-सोप, टूथ-ब्रश व टूथ-पेस्ट, एक जोड़ी वाटर-प्रूफ चप्पलें, पेन-पेन्सिल व डायरी-नोटबुक, अपने विजिटिंग-कार्ड्स। अगर बच्चे भी साथ जा रहे हैं तो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप वस्तुओं का निर्धारण माता-पिता को स्वयं करना होता है। सामान वाले प्रत्येक बैग के अन्दर तथा साथ जाने वाले बच्चे-बूढ़े प्रत्येक सदस्य की जेब में अपना नाम-पता-मोबाइल नम्बर-ईमेल आईडी लिखा एक कार्ड रखना कभी न भूलें। आजकल मोबाइल एक आम साधन है। कोशिश करें कि घर के हर सदस्य के पास अपना निजी मोबाइल हो। यह सूची एक निम्न-मध्यवर्गीय भारतीय व्यक्ति के द्वारा सुझाई जाने के कारण क्रेडिट कार्ड का खुला उपयोग कर सकने वालों को काफी बोझिल प्रतीत हो सकती है। सोचा जा सकता है कि बाजार और बैंक—दोनों ही अब व्यक्ति के बहुत निकट आ गए हैं और जरूरत की हर वस्तु अब हर जगह उपलब्ध हो जाती है, उसे लादने की क्या जरूरत है। बेशक, भ्रमणशील व्यक्ति को बहुत हल्के और कम सामान के साथ निकलना चाहिए; लेकिन यह भी ठीक है कि सम्भावित जरूरत के हर सामान को साथ लेकर निकलना मूर्खता बिल्कुल नहीं है। यों भी, इस सूची को यहाँ इसलिए नहीं दिया गया है कि इसे अपने नौकर या पत्नी को पकड़ाकर आप जिम्मेदारी से अपने-आप को मुक्त मान लें। इसमें से क्या ले जाना है, क्या नहीं यह तय करना और एकत्र करके सँजोना भी आपका ही दायित्व है।
आदमी का हर अनुभव उसकी गलती की कोख से जन्म लेता है। जितनी ज्यादा गलतियाँ, उतने ज्यादा अनुभव। इस सम्बन्ध में एक मुख्य बात यह अवश्य याद रखें कि— गलतियाँ की नहीं जातीं, हो जाती हैं और मूर्ख वह नहीं जो गलतियाँ करता है; बल्कि मूर्ख वह है जो एक ही प्रकार की गलती को बार-बार दोहराता है।